
नीति आयोग की डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की विभिन्न योजनाओं के तहत बीते 90 दिन में 14 लाख से अधिक उपभोक्ताओं और 70,000 मर्चेंट को 226 करोड़ रुपये पुरस्कार के रूप में दिए गए हैं।
नीति आयोग की डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की विभिन्न योजनाओं के तहत बीते 90 दिन में 14 लाख से अधिक उपभोक्ताओं और 70,000 मर्चेंट को 226 करोड़ रुपये पुरस्कार के रूप में दिए गए हैं। सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
इसके अनुसार, ‘डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए 14 लाख से अधिक उपभोक्ताओं और 77000 मर्चेंट को 226 करोड़ रुपए का रिवार्ड दिया गया है।’ इसके अनुसार लोगों को डिजिटल लेनदेने के लिए प्रोत्साहित करने की आयोग की पहल का फायदा सामने आ रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपना रहे हैं। सरकार ने 25 दिसंबर को दो योजनाएं – लकी ग्राहक योजना व डिजिधन व्यापार योजना- शुरू की थीं ताकि नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढावा दिया जा सके।
इसे भी देखें: विंक म्यूजिक को मिले पांच करोड़ से अधिक उपयोक्ता
वहीं, महालेखा नियंत्रक (सीजीए) अर्चना निगम ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में कुल 6.05 लाख करोड़ रुपये के सरकारी लेनदेन का 98 फीसदी भुगतान डिजिटल तरीके से किया गया। निगम ने यहां आयोजित 41वें सिविल लेखा दिवस समारोह में कहा, “वित्त वर्ष 2016-17 में अब तक कुल 5.95 लाख करोड़ रुपये का सरकारी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया गया, जबकि कुल भुगतान 6.05 लाख करोड़ रुपये किया गया। यह कुल भुगतान का 95 फीसदी है।”
इसे भी देखें: ट्विटर यूजर्स के लिए जारी हुआ ये नया अपडेट, अब नहीं रही ये लिमिट
निगम ने कहा, “बैंकिंग प्रणाली में ई-भुगतान के आने से शीघ्र संग्रहण और भुगतान की सुविधा मिली है।” निगम ने कहा कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने सरकार को राज्यों और कार्यान्वयन एजेंसियों को हस्तांतरित निधियों, विशेष रूप से राष्ट्रीय प्राथमिकता योजनाओं, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से जारी निधियों के उपयोग पर प्रभावी ढंग से नजर रखने में मदद की है।
इसे भी देखें: सैमसंग गैलेक्सी S6 एज प्लस स्मार्टफ़ोन यूजर्स को भारत में मिलना शुरू हुआ एंड्राइड 7.0 नौगट का अपडेट: रिपोर्ट