
दूरसंचार आयोग ने वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे इस उद्योग को राहत उपलब्ध कराने के कदमों पर आज कोई फैसला नहीं किया।
दूरसंचार आयोग ने वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे इस उद्योग को राहत उपलब्ध कराने के कदमों पर आज कोई फैसला नहीं किया। आयोग ने इस बारे में गठित अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) से विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान सहित कुछ सिफारिशों पर और स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग की बैठक दो हफ्ते में फिर होगी जिसमें इस बारे में विचार होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। दूरसंचार आयोग इस उद्योग में फैसले करने वाला शीर्ष निकाय है जिसकी आज यहां बैठक हुई। बैठक में आईएमजी के उन प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया जो उसने इस उद्योग को वित्तीय दिक्कतों से राहत दिलाने के लिए दिए थे।
अधिकारी ने बताया कि आयोग ने समूह से उसकी दो सिफारिशों पर और स्पष्टीकरण मांगा है। ये सिफारिशें दूरसंचार कंपनियों को खरीदे गए स्पेक्ट्रम के भुगतान के लिए और समय दिए जाने तथा ब्याज व जुर्माना भुगतान के लिए प्रधान ब्याज दर (पीएलआर) के बजाय सीमांत कोष लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) प्रणाली अपनाने की हैं।
इन मुद्दों पर समूह का जवाब मिलने के बाद आयोग की बैठक दो सप्ताह में फिर होगी। अधिकारियों ने कहा कि आयोग सैद्धांतिक तौर पर इन सिफारिशों पर सहमत है लेकिन इच्छित स्पष्टीकरण मिलने के बाद सारी रिपोर्ट पर समग्र रूप से विचार किया जाएगा। इसे भी देखें: जानें Vivo V7+ और Vivo V5 स्मार्टफोन में अंतर
आईएमजी रिपोर्ट के साथ ही दूरसंचार आयोग ने विभिन्न अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया जिसमें नि:शुल्क डेटा पर दूरसंचार नियामक की सिफारिशें शामिल है। आयोग ने इस पर ट्राई से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया कि इस पूरी योजना का कार्यान्वयन कैसे होगा। इसे भी देखें: ये शानदार स्मार्टफोन्स आते हैं स्टॉक एंड्राइड के साथ
आयोग ने अब तक संचार नेटवर्क से वंचित गांवों को मोबाइल सेवाओं के प्रावधान संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसका कार्यान्वयन भारती एयरटेल करेगी। इसके साथ ही भारतनेट परियेाजना के दूसरे चरण के कार्यान्वयन से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसे भी देखें: ऐसे काम करता है स्मार्टफोन में मौजूद फिंगरप्रिंट स्कैनर