
ओडिशा की नयी मोबाइल टावर नीति का इससे जुड़ी कंपनियों ने स्वागत किया है।
नयी नीति के तहत मोबाइल टावर खड़े करने के लिए समयबद्ध अनुमति दी जाएगी और न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। यह एक संपूर्ण कार्यढांचा है जो राज्य में अगले 15-20 साल के लिए दूरसंचार क्षेत्र के बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा।
उद्योग संगठन द टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (ताइपा) ने इस नीति का स्वागत करते हुए अन्य राज्यों से भी ओडिशा की नीति अपनाने और मोबाइल टावर लगाने के भारी-भरकम शुल्क को नीचे लाने के लिए कहा है। इसे भी देखें: http://www.bgr.in/hi/mobile/compare-sony-xperia-xz1-vs-htc-u11-vs-samsung-galaxy-s8-vs-lg-g6-know-price-specification-and-features-tech-news-in-hindi/
वहीं, दूरसंचार आयोग पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूरसंचर नेटवर्क से कटे गांवों में मोबाइल टावर लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘पूर्वोत्तर क्षेत्र में मोबाइल संपर्क में सुधार को लेकर दूरसंचार कनेक्टिविटी योजना आठ सितंबर को दूरसंचार आयोग के समक्ष रखी जाएगी।’’ पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये मोबाइल टावर व्यापक दूरसंचार विकास योजना के तहत स्थापित किया जाएगा। इस योजना को मंत्रिमंडल ने 2014 में मंजूरी दी थी। इसे भी देखें: शाओमी Redmi 5 Plus जल्द हो सकता है लॉन्च, लीक हुई बॉक्स पैकेज की तस्वीरें
योजना के तहत दूरसंचार नेटवर्क से कटे 9,190 गांवों में से 8,621 गांवों को 6,673 मोबाइल टावर कवर करेंगे। इस पर अनुमानित 5,336.18 करोड़ रुपये का व्यय होगा। परियोजना की देख रेख कर रहा यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसएफओ) 6,673 मोबाइल टावरों में से 4,000 के लिये बोली प्रस्ताव दे सकता है। इसे भी देखें: अलार्म बंद न होने की समस्या से परेशान हुए Pixel और Nexus स्मार्टफोंस में Oreo का अपडेट करने वाले यूजर्स