
दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय दिक्कतों पर विचार के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है।
दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय दिक्कतों पर विचार के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। समिति द्वारा ऋण बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को राहत देने के लिए विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान हेतु और अधिक समय की सिफारिश किए जाने की संभावना है।
अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) के सदस्यों ने तीन महीने से अधिक चली चर्चा परिचर्चा को अंतिम रूप देते हुए रिपोर्ट पर आज हस्ताक्षर किए। इस रिपोर्ट को अब दूरसंचार आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा।
रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन माना जाता है कि समूह ने किसी बड़े सुधार का सुझाव नहीं दिया है बल्कि उसने कंपनियों को स्पेक्ट्रम के भुगतान के लिए और समय देने जैसे उपाय सुझाए हैं। समूह के एक सदस्य ने संकेत दिया कि उसने लाइसेंस शुल्क या स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) में किसी कटौती का सुझाव नहीं दिया है। इसे देश के दूरसंचार क्षेत्र में सुधार का शुरुआत संकेत माना जा रहा है। इसे भी देखें: IFA 2017: Lenovo Yoga 920 और Yoga 720 convertible लैपटॉप्स लॉन्च
ऐसा माना जाता है कि आईएमजी ने लाइसेंस शुल्क व एसयूसी के संबंधी में ब्याज व जुर्माने के भुगतान के लिए प्रधान ब्याज दर के बजाय सीमांत लागत आधारित दर एमसीएलआर को अपनाने का सुझाव दिया है। सूत्रों ने कहा कि समिति ने 80-90 पेज की अपनी इस रपट में यह नहीं बतया है कि उसकी विभिन्न सिफारिशों से इस उद्योग को कुल कितनी राहत मिल सकती है। इसे भी देखें: IFA 2017: Asus ने अपने पतले लैपटॉप ZenBook Flipbook S में किये कुछ अपडेट
इस समूह में वित्त व संचार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इसका गठन दूरसंचार क्षेत्र की व्यावहार्यता व भुगतान क्षमताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करने के लिए मई में किया गया था। इसे भी देखें: सैमसंग Galaxy J5 Prime को जल्द मिल सकता है एंड्राइड नौगट अपडेट